संक्रमण तत्त्व परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था का प्रदर्शन क्यों करते हैं?
उत्तर- संक्रमण तत्त्वों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
(n - 1)d 1- 10,ns1-2 है। (n - 1) d-कक्षकों तथा ns-कक्षकों की ऊर्जाओं में अधिक अन्तर नहीं होता है; अतः संक्रमण तत्त्वों में, (n - 1) d तथा ns दोनों कक्षकों के आबन्ध निर्माण के लिए उपलब्ध रहती हैं। +1 तथा +2 ऑक्सीकरण अवस्थाओं में ns इलेक्ट्रॉनों का योगदान होता है, जबकि उच्च
ऑक्सीकरण अवस्थाओं; जैसे +3,+ 4, +5, + 6 आदि में आबन्ध निर्माण में
ns-कक्षकों के साथ (n-1) d-इलेक्ट्रॉनों का भी योगदान होता है। उत्तेजित
अवस्था में (n - 1)d- इलेक्ट्रॉन आबन्ध निर्माण में भाग लेने के लिए स्वतन्त्र हो
जाते हैं तथा परमाणु विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करने के योग्य हो
जाता है। उदाहरण के लिए, Sc का बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d1 482 है। जब
यह केवल 4s - इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करता है तो + 2 ऑक्सीकरण अवस्था
प्रदर्शित करता है, परन्तु जब यह दोनों 4s-इलेक्ट्रॉनों के साथ एक 3d-इलेक्ट्रॉन का
भी उपयोग करता है तो +3 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।